बोल सोनभद्रबोलती तस्वीरेंसोशल मीडिया
वनवासी परिवार पेड़ों पर रेशम कीट पालन कर बेहतर आमदनी प्राप्त कर रहे हैं।।
सोनभद्र जिले के वन क्षेत्रों में रहने वाले वनवासी परिवार पेड़ों पर रेशम कीट पालन कर न सिर्फ बेहतर आमदनी प्राप्त कर रहे हैं बल्कि पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से इन पेड़ों की सुरक्षा भी कर रहे हैं।।


रेशमकीट के जीवन चक्र में अंडा , लार्वा , प्युवा तथा व्यस्क शलभ अवस्थाएं पायी जाती है , इस किट में निषेचन आंतरिक होता है तथा अण्ड अवस्था सामान्यत: 8 से 10 दिन तक पायी जाती है तत्पश्चात रेशम कीट की लार्वा अवस्था का निर्माण होता है इसे Cater pillar लार्वा अवस्था के नाम से जाना जाता है।